टेंडर घोटाले का पर्दाफाश! 2.74 करोड़ के टेंडर रद्द

ब्लॉक प्रमुख और वीडीओ पर गाज गिरने की तैयारी -जिलाधिकारी ने कसा शिकंजा

पीलीभीत (एसएनबी)। मरौरी ब्लॉक में विकास के नाम पर घोटाले का बड़ा खेल सामने आया है। 2.74 करोड़ रुपये के टेंडर में धांधली पकड़े जाने के बाद जिलाधिकारी ने सभी टेंडर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। मामला उजागर होते ही ब्लॉक प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार, ब्लॉक प्रमुख सभ्यता वर्मा और वीडीओ लियाकत अली ने मिलीभगत से अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर प्रक्रिया को ही नियमों के खिलाफ मोड़ दिया। स्थानीय ठेकेदारों को बाहर रखने के लिए टेंडर नोटिस स्थानीय अखबारों की जगह बरेली के अखबारों में 24 सितंबर को प्रकाशित कराए गए, ताकि क्षेत्र के ठेकेदारों को जानकारी ही न मिले। इस गोपनीय खेल का भंडाफोड़ तब हुआ जब क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ठेकेदारों ने डीएम ज्ञानेंद्र सिंह को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले की जांच की मांग की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने सीडीओ राजेंद्र कुमार श्रीवास की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की। जांच में यह साफ़ हुआ कि टेंडरों का प्रकाशन नियम विरुद्ध तरीके से किया गया और पारदर्शिता के सरकारी निर्देशों की खुली अवहेलना हुई। जांच रिपोर्ट मिलते ही डीएम ने सभी टेंडर रद्द करने के आदेश जारी किए और दोषी अधिकारियों से तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि टेंडर मैनेजमेंट का यह खेल ब्लॉक प्रमुख के इशारे पर रचा गया और इसमें कई अधिकारियों की सांठगांठ की आशंका जताई जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई तय है। मरौरी ब्लॉक में टेंडर घोटाले के खुलासे के बाद प्रशासनिक हलकों में भूचाल आ गया है — और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस खेल में कौन-कौन से बड़े नाम बेनकाब होंगे।