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रुहेला सरदार हाफिज रहमत खान ने बनवाए थे गौरी शंकर मंदिर के प्रवेश द्वार

रुहेला सरदार हाफिज रहमत खान ने बनवाए थे गौरी शंकर मंदिर के प्रवेश द्वार
प्रसिद्ध गौरी शंकर मंदिर
  • पीलीभीत। हमारे देश में भगवान शंकर और मां गौरी के अनेकों प्राचीन मंदिर हैं। जिनके प्रति लोगों की अपार आस्था है। लेकिन इन मंदिरों में पीलीभीत के गौरी शंकर मंदिर का अपना एक अलग महत्व है। मंदिर के महंत की माने तो पहले यहां एक जंगल था और बंजारा समुदाय के कुछ लोग इस जंगल में आकर रहने लगे। उन्होंने अपने जीवन यापन के लिए यहां खेती करना शुरू कर दिया तभी अचानक एक दिन द्वारिका दास नाम के एक बंजारे को महसूस हुआ कि इस जगह पर कुछ है और जब इसकी खुदाई की गई तो एक शिवलिंग प्राप्त हुआ। द्वारका दास ने कुछ समय तक इस शिवलिंग की सेवा की और उसके बाद शिवलिंग को पंडित जयशंकर महंत के पूर्वजों को दे दिया पहले यह बहुत छोटा सा मंदिर था और पुरातत्व विभाग ने इसके निर्माण पर रोक लगा दी थी। लेकिन जैसे ही पुरातत्व विभाग द्वारा इसके निर्माण की अनुमति मिली इसका विशाल रूप में निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया। इस मंदिर के दोनों प्रवेश द्वार का निर्माण 18वीं शताब्दी में रोहेला सरदार हाफिज रहमत खान द्वारा करवाया गया। और आज देवहा और खाखरा नदी के तट पर मोहल्ला खाखरा में स्थित यह मंदिर जिले की पहचान होने के साथ-साथ हिंदुओं की आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है जहां प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि रक्षाबंधन एवं श्रावण मास के पहले सोमवार में भव्य मेले का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में अलग-अलग जगह से श्रद्धालु आते हैं आज सावन मास शुरू होती मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बनी शुरू हो गई है।

गौरी शंकर मंदिर का प्रवेश द्वार